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यौन सम्बन्धो की माँग करना भी अब भ्रष्टाचार

 भ्रष्टाचार नई दिल्ली ।।। केन्द्र सरकार द्वारा अधुसुचित किये गये नये भ्रष्टाचार (रोकधाम) संशोधन कानून 2018 में भ्रष्टाचार की परिभाषा को व्यापक कर दिया गया हैं । इस कानून के अनुसार "आनंददायी सेवाओ " की माँग करना भी अब भ्रष्टाचार समझा जायेगा ।इन आनंददायी सेवाओ में शामिल हैं । 1.यौन सम्बन्ध की माँग करना या उसे स्वीकार करना 2.क्लबों की सदस्यता स्वीकार करना 3.या अन्य आनंददायी सेवा का उपयोग करना । इस कानून के अंतर्गत रिश्वत लेने और देने दोनों को सजा के दायरे में लाया गया हैं अब रिश्वत देने वाले को भी 7 साल की सजा हो सकती हैं।  नया कानून 30 साल पुराने भ्रष्टाचार रोकधाम निरोधी कानून 1988 का स्थान लेगा । क्या नया कानून भ्रष्टाचार की विष बैल रोकने में सफ़ल हो पायेगा ? भारत में भ्रष्टाचार सरकारी विभागों का शिष्टाचार बन गया हैं जहाँ कोई काम बिना रिश्वत दिये नही होता ऐसे में यह कानून कितना सफ़ल होता हैं यह तो वक्त ही बता पायेगा । लेकिन कानून बनाने के साथ यह भी निर्धारित होना चाहिये की भ्रष्टाचार के मामले की सुनवाई एक निर्धारित समय में पूर्ण हो ।  भ्रष्ट