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असम में शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार और परिवहन में नई क्रांति का आगाज हो गया है।

 असम को बदलने की है ठानी, बदलाव क्रांति का आगाज

सोनोवाल कछारी स्वायत्तशासी परिषद का संकल्प

Tej khabars 

असम में शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार और परिवहन में नई क्रांति का आगाज हो गया है। सोनोवाल कछारी स्वायत्तशासी परिषद ने संकल्प लिया है असम के साथ पूरे उत्तर पूर्व को क्रांति की आभा का लाभ देने का जिसमे परिषद के मुख्य कार्यपालक सदस्य दीपू रंजन मकारी का नेतृत्व और कुशल प्रबंधन बदलाव की क्रांति को मिल रहा है। 



परिषद ने वित्तीय वर्ष 2021-22 में एक हज़ार करोड़ के भारी भरकम निवेश का लक्ष्य रखा है। सऊदी अरब और जापान जैसे देशों ने परिषद के संकल्प में विश्वास जताया है और दोनों देश विभिन्न सेक्टर में जल्द ही एमओयू करेंगे।


सोनोवाल कछारी स्वायत्तशासी परिषद के दीपू रंजन मकारी ने पीपीपी(पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप) मॉडल में चार अंतरराष्ट्रीय  गुणवत्ता के विद्यालयों की स्थापना कर रहे है जिसके लिए एमओयू प्रक्रिया अंतिम चरण पर है इससे असम में शिक्षा जगत नए आयामों को स्थापित करेगा। भारत के नामी स्कूलों में से एक दून पब्लिक स्कूल दिल्ली भी इसी तारतम्य में 150 करोड़ की बड़ी राशि का निवेश करेगा। जापान की एक बेहद प्रसिद्ध कंपनी भी असम की तरक्की की सोच से प्रभावित होकर सोनोवाल कछारी स्वायत्तशासी परिषद के साथ जुड़ना चाहती है जिसके लिए सतत संवाद जारी है। इसके साथ ही चार नर्सिंग कॉलेजों की भी स्थापना होगी, जिसमें से एक की एमओयू प्रक्रिया अपने अंतिम चरण में है। इसके साथ भारत की प्राचीन विधा आयुर्वेद को बढ़ावा देते हुए शीघ्र ही आयुर्वेद कॉलेज को भी स्थापित करने की प्रक्रिया चल रही है।


नॉर्थ ईस्ट के निवासियों को परिवहन की सुविधाएं देने के लिए इस वर्ष 100 नई बसें आएंगी। नॉर्थ-ईस्ट वासियों को रोजगार का साधन मिले जिससे वह अपना जीवन बेहतर बना सकें और किसानों के लिए कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग अर्थात अनुबंध खेती को लाभदायक बनाने के प्रयास तेज किए जा रहे हैं। इन उद‌्देश्यों को पूरा करने के लिए सैकड़ों करोड़ राशि वित्तीय वर्ष 2021-2022 में खर्च की जायेगी।


इसके साथ ही नौ विभिन्न जिलों में एक-एक कोल्ड स्टोरेज की स्थापना का काम भी अपने अंतिम चरण में है। सभी कार्य पीपीपी (पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप) मॉडल के तहत किए जा रहे हैं और आगे भी निरंतर जारी रहेंगे। सऊदी अरब की प्रसिद्ध कंपनी भी परिषद की दूरदर्शी सोच से प्रभावित होकर जुड़ना चाहती है जिससे कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग के लिए 200 करोड़ निवेश के लिए बातचीत अपने अंतिम दौर में है।


कॉउन्सिल के दीपू रंजन मकारी आदिवासियों के हित के लिए दृढ़ संकल्पित हैं एवं लगातार आदिवासी अंचल, असम व सम्पूर्ण पूर्वोत्तर के चतुर्मुखी विकास के लिए कार्यशील है।

टिप्पणियाँ

  1. अद्भुत, निश्चित रूप से दीपू रंजन मकारी जी की यह यह सेवा समर्पण और त्याग की अनूठी लोक हितैषी मिसाल पूर्वोत्तर राज्य के लिए वरदान साबित होगी।

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