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आज दिनांक 06/11/2018 का राशिफल

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उज्जैन के दर्शन
 जय श्री महाकाल
 ।। *ॐ* ।। 

    🚩🌞 *सुप्रभातम्* 🌞🚩

📜««« *आज का पंचांग* »»»📜

कलियुगाब्द........................5120

विक्रम संवत्.......................2075

शक संवत्..........................1940

रवि.............................दक्षिणायन

मास...............................कार्तिक

पक्ष...................................कृष्ण

तिथी..............................चतुर्दशी

रात्रि 10.29 पर्यंत पश्चात अमावस्या

सूर्योदय.................06.34.02 पर

सूर्यास्त..................05.46.35 पर

सूर्य राशि.............................तुला

चन्द्र राशि...........................कन्या

नक्षत्र.................................चित्रा

संध्या 07.52 पर्यंत पश्चात स्वाति

योग...................................प्रीती

संध्या 07.56 पर्यंत पश्चात आयुष्मान

करण.................................विष्टि

प्रातः 11.06 पर्यंत पश्चात शकुन

ऋतु...................................शरद

दिन..............................मंगलवार


🇬🇧 *आंग्ल मतानुसार :-*  

06 नवम्बर सन 2018 ईस्वी |


🚩 *तिथी/पर्व/व्रत विशेष :-*


👩🏻 *रूप चतुर्दशी पर्व :-*

कार्तिक कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को रूप चतुर्दशी आती है। इस दिन सौंदर्य रूप श्रीकृष्ण की पूजा करनी चाहिए। इस दिन व्रत भी रखा जाता है। ऐसा करने से भगवान सुंदरता देते हैं। इस दिन को नरक चतुर्दशी भी कहा जाता है। यह त्यौहार नरक चौदस या नर्क चतुर्दशी या नर्का पूजा के नाम से भी प्रसिद्ध है। मान्यता है कि कार्तिक कृष्ण चतुर्दशी के दिन प्रातःकाल तेल लगाकर अपामार्ग (चिचड़ी) की पत्तियाँ जल में डालकर स्नान करने से नरक से मुक्ति मिलती है। विधि-विधान से पूजा करने वाले व्यक्ति सभी पापों से मुक्त हो स्वर्ग को प्राप्त करते हैं। शाम को दीपदान की प्रथा है जिसे यमराज के लिए किया जाता है। दीपावली को एक दिन का पर्व कहना न्योचित नहीं होगा। इस पर्व का जो महत्व और महात्मय है उस दृष्टि से भी यह काफी महत्वपूर्ण पर्व व हिन्दुओं का त्यौहार है। यह पांच पर्वों की श्रृंखला के मध्य में रहने वाला त्यौहार है जैसे मंत्री समुदाय के बीच राजा।

इसी दिन कृष्ण ने एक दैत्य नरकासुर का संहार किया था। सूर्योदय से पूर्व उठकर, स्नानादि से निपट कर यमराज का तर्पण करके तीन अंजलि जल अर्पित करने का विधान है। संध्या के समय दीपक जलाए जाते हैं। मान्‍यताओं के अनुसार, नरकासुर एक अधर्मी राजा था जिसने कई राजाओं, ब्राह्मणों और कन्‍याओं को बंदी बनाया हुआ था। उसके अधर्मी कृत्‍यों से देवता भी परेशान थे। लेकिन उसे वरदान था क‍ि उसकी मृत्‍यु उसी के हाथ होगी जो उस समय अपनी पत्‍नी के साथ होगा। इस पर देवताओं के आह्वान पर श्रीकृष्‍ण ने इस असुर का नाश करने का फैसला किया। श्री कृष्ण ने अपनी पत्नी सत्यभामा को अपना सारथी बनाकर नरकासुर का वध किया। वध के बाद नरकासुर का शव जमीन में चला जाता है जिस पर भू माता प्रकट होकर श्री कृष्ण को नरकासुर पूरी कथा बताती हैं।


🌚 *काली चौदस का महत्‍व :-*

इस दिन को काली चौदस के रूप में भी मनाया जाता है। इसका अर्थ भी बुराई पर अच्छाई की जीत ही है। इस दिन खासतौर पर महाकाली की पूजा की जाती है। इस दिन आलस और बुराई को हटाकर जिंदगी में सच्चाई की रोशनी की मांग की जाती है।


📜 *रूप चतुर्दशी कथा :-*

रूप चतुर्दशी की कथा के अनुसार एक समय भारत वर्ष में हिरण्यगर्भ नामक नगर में एक योगिराज रहते थे। उन्होंने अपने मन को एकाग्र करके भगवान में लीन होना चाहा। अत: उन्होंने समाधि लगा ली। समाधि लगाए कुछ ही दिन ‍बीते थे कि उनके शरीर में कीड़े पड़ गए। बालों में भी छोटे-छोटे कीड़े लग गए। आंखों की रोओं और भौंहों पर जुएं जम गईं। ऐसी दशा के कारण योगीराज बहुत दुखी रहने लगे। इतने में ही वहां नारदजी घूमते हुए वीणा और करताल बजाते हुए आ गए। तब योगीराज बोले- हे भगवान मैं भगवान के चिंतन में लीन होना चाहता था, परंतु मेरी यह दशा क्यों गई?

तब नारदजी बोले- हे योगीराज! तुम चिंतन करना जानते हो, परंतु देह आचार का पालन नहीं जानते हो। इसलिए तुम्हारी यह दशा हुई है। तब योगीराज ने नारदजी से देह आचार के विषय में पूछा। इस पर नारदजी बोले- देह आचार से अब तुम्हें कोई लाभ नहीं है। पहले जो मैं तुम्हें बताता हूं उसे करना। फिर देह आचार के बारे में बताऊंगा।

थोड़ा रुककर नारदजी ने कहा- इस बार जब कार्तिक कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी आए तो तुम उस दिन व्रत रखकर भगवान की पूजा ध्यान से करना। ऐसा करने से तुम्हारा शरीर पहले जैसा ही स्वस्थ और रूपवान हो जाएगा।

योगीराज ने ऐसा ही किया और उनका शरीर पहले जैसा हो गया। उसी दिन से इसको रूप चतुर्दशी भी कहते हैं।


☸ शुभ अंक.............7

🔯 शुभ रंग...........काला

 

👁‍🗨 *राहुकाल :-*

दोप 02.56 से 04.19 तक । 


🚦 *दिशाशूल :-*

उत्तरदिशा - यदि आवश्यक हो तो गुड़ का सेवन कर यात्रा प्रारंभ करें।


✡ *चौघडिया :-*

प्रात: 09.23 से 10.46 तक चंचल

प्रात: 10.46 से 12.09 तक लाभ

दोप. 12.09 से 01.32 तक अमृत

दोप. 02.55 से 04.18 तक शुभ

रात्रि 07.18 से 08.55 तक लाभ । 


📿 *आज का मंत्र :-*

।। ॐ पवनपुत्राय नमः ।।


🎙 *संस्कृत सुभाषितानि :-*

 धर्मार्थकाममोक्षाख्या-

स्चत्वारोsर्था मनीषिणाम्।

जीवेश्वर विचारेण

द्विधा ते हि निरूपिताः॥२॥

अर्थात :-

धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष, मनन करने वाले मनुष्यों के लिए चार पुरुषार्थ कहे गए हैं। जीवत्व और ईश्वरत्व देने वाले इन पुरुषार्थों का दो प्रकार से वर्णन किया गया है॥२॥


🍃 *आरोग्यं :*-

🤢 *गैस भगाने के घरेलू उपाय –*


*1. अजवाइन -*

अजवाइन न सिर्फ खाने के स्वाद को बढ़ाता है बल्कि यह आपको पेट से जुड़ी कई बीमारि‍यों को भी दूर रखने में सहायता करता है। अजवाइन के बीज में थाइमोल नामक कंपाउंड होते है जो गैस्ट्रिक और पाचन में सहायता करते हैं। अगर आप अच्छा महसूस करना चाहते हैं तो दिन में एक बार पानी के साथ आधा चम्मच आजवाइन के बीज का सेवन कीजिए आपको जरूर फायदा होगा। 


⚜ *आज का राशिफल :-*


🐏 *राशि फलादेश मेष :-*

जीवनसाथी के स्वास्थ्य की चिंता रहेगी। शत्रुभय रहेगा। विरोध होगा। प्रेम-प्रसंग में सावधानी रखें। विवाद से क्लेश होगा। स्वास्थ्य का ध्यान रखें। कोर्ट व कचहरी के कार्य निबटेंगे। व्यवसाय मनोनुकूल रहेगा। छोटे भाइयों का सहयोग मिलेगा। धनार्जन होगा।


🐂 *राशि फलादेश वृष :-**

शत्रुभय रहेगा। भूमि, भवन, दुकान व ऑफिस इत्यादि खरीदने की योजना बनेगी। रोजगार में वृद्धि होगी। आय के स्रोतों में वृद्धि हो सकती है। घर-परिवार की चिंता रहेगी। पुराना रोग उभर सकता है। सुख के साधनों पर व्यय होगा। प्रसन्नता रहेगी। 


👫 *राशि फलादेश मिथुन :-*

किसी आनंदोत्सव में भाग लेने का अवसर प्राप्त होगा। स्वादिष्ट भोजन का आनंद मिलेगा। विद्यार्थी वर्ग सफलता हासिल करेगा। फालतू व्यय होगा। संतान पक्ष की चिंता रहेगी। धन प्राप्ति सुगम होगी। वाणी पर नियंत्रण रखें। भय रहेगा। प्रमाद न करें। 


🦀 *राशि फलादेश कर्क :-*

लेन-देन में सावधानी रखें। किसी अपने वाले के व्यवहार से दिल को चोट पहुंच सकती है। दु:खद समाचार प्राप्त हो सकता है। पुराना रोग उभर सकता है। प्रयास अधिक करना पड़ेंगे। भागदौड़ रहेगी। अपेक्षित कार्यों में विलंब से चिंता तथा तनाव रहेंगे। 


🦁 *राशि फलादेश सिंह :-*

पराक्रम व प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी। कार्य की प्रशंसा होगी। रुके कार्यों में गति आएगी। घर-बाहर पूछ-परख रहेगी। चिंता, भय व कष्ट का वातावरण बन सकता है। नए उपक्रम प्रारंभ करने का साहस कर पाएंगे। व्यवसाय ठीक चलेगा। कीमती वस्तुएं संभालकर रखें।


👱🏻‍♀ *राशि फलादेश कन्या :-*

लाभ के अवसर हाथ आएंगे। घर-परिवार में अतिथियों का आगमन होगा। व्ययवृद्धि होगी। शुभ समाचार प्राप्त होंगे। आत्मविश्वास बढ़ेगा। जोखिम उठाने का साहस कर पाएंगे। दुष्टजन हानि पहुंचा सकते हैं। व्यवसाय ठीक चलेगा। घर-बाहर प्रसन्नता रहेगी। 


⚖ *राशि फलादेश तुला :-*

जीवनसाथी से सहयोग प्राप्त होगा। व्यावसायिक यात्रा सफल रहेगी। अप्रत्याशित लाभ हो सकता है। रोजगार प्राप्ति के योग हैं, प्रयास करें। आय में वृद्धि होगी। किसी बड़ी समस्या से छुटकारा मिलेगा। बेचैनी रहेगी। जल्दबाजी न करें। 


🦂 *राशि फलादेश वृश्चिक :-*

विवाद में न पड़ें। कानूनी अड़चन आ सकती है। फालतू खर्च होगा। दूसरों से अपेक्षा न करें। कार्य में देरी होगी। तनाव रहेगा। बेचैनी रहेगी। कीमती वस्तुएं संभालकर रखें, गुम हो सकती है। व्यवसाय ठीक चलेगा। आय बनी रहेगी। प्रमाद न करें। 


🏹 *राशि फलादेश धनु :-*

किसी अपरिचित व्यक्ति की बातों में न आएं। लेन-देन में सावधानी रखें। अज्ञात भय सताएगा। शारीरिक कष्ट संभव है। सुख के साधन जुटेंगे। बकाया वसूली के प्रयास सफल रहेंगे। यात्रा से लाभ होगा। जल्दबाजी न करें। व्यवसाय ठीक चलेगा। घर-बाहर प्रसन्नता रहेगी। कोई बड़ा काम हो सकता है। भाग्य का साथ मिलेगा। 


🐊 *राशि फलादेश मकर :-*

ऐश्वर्य के साधनों पर व्यय होगा। राज मान में वृद्धि होगी। नई योजना बनेगी। कार्यप्रणाली में सुधार होगा। सामाजिक प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी। आय में बढ़ोतरी होगी। रुके कार्य पूर्ण होंगे। भाग्य का साथ मिलेगा। प्रसन्नता रहेगी। जोखिम व जमानत के कार्य न करें।


🏺 *राशि फलादेश कुंभ :-*

सुख के साधन जुटेंगे। विवेक का प्रयोग लाभ में वृद्धि करेगा। धर्म-कर्म में रुचि रहेगी। कोर्ट व कचहरी के कार्य निबटेंगे। लाभ के अवसर हाथ आएंगे। भय रहेगा। व्यवसाय अनुकूल रहेगा। निवेश शुभ रहेगा। बड़ा कार्य करने का मन बनेगा। स्वार्थी तत्वों से दूर रहें। 


🐋 *राशि फलादेश मीन :-*

शारीरिक कष्ट संभव है। वाहन व मशीनरी आदि के प्रयोग में सावधानी रखें। जोखिम व जमानत के कार्य टालें। कीमती वस्तुएं संभालकर रखें। भाग्य विपरीत है। सावधानी आवश्यक है। दूसरों के झगड़ों में न पड़ें। विवाद न करें। आय में कमी रहेगी। 


☯ *आज मंगलवार है अपने नजदीक के मंदिर में संध्या 7 बजे सामूहिक हनुमान चालीसा पाठ में अवश्य सम्मिलित होवें |*


☯ आप सभी मित्रों को *दीपोत्सव* के द्वितीय सोपान *रूप चतुर्दशी* के शुभावसर पर अनंतानंत मंगलकामनाये...

सदैव आपका.... *पं.संतोष नागर, उज्जैन*

9406645446

।। 🐚 *शुभम भवतु* 🐚 ।।


🇮🇳🇮🇳 *भारत माता की जय* 🚩🚩

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