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🚩🌞 *सुप्रभातम्* 🌞🚩
📜««« *आज का पंचांग* »»»📜
कलियुगाब्द........................5120
विक्रम संवत्.......................2075
शक संवत्..........................1940
मास................................कार्तिक
पक्ष....................................कृष्ण
तिथी..............................त्रयोदशी
रात्रि 11.48 पर्यंत पश्चात चतुर्दशी
रवि..............................दक्षिणायन
सूर्योदय...................06.33.09 पर
सूर्यास्त....................05.47.28 पर
सूर्य राशि...............................तुला
चन्द्र राशि.............................कन्या
नक्षत्र....................................हस्त
रात्रि 08.33 पर्यंत पश्चात चित्रा
योग.................................विष्कुम्भ
रात्रि 10.12 पर्यंत पश्चात प्रीती
करण....................................गरज
दोप 12.35 पर्यन्त पश्चात वणिज
ऋतु......................................शरद
दिन..................................सोमवार
🇬🇧 *आंग्ल मतानुसार :-*
05 नवम्बर सन 2018 ईस्वी ।
🔯 *तिथी/पर्व/व्रत विशेष :-*
💰 *धन त्रयोदशी पर्व :-*
धनतेरस दीपावली से दो दिन पहले मनाई जाती है | जिस प्रकार देवी लक्ष्मी सागर मंथन से उत्पन्न हुई थी उसी प्रकार भगवान धनवन्तरि भी अमृत कलश के साथ सागर मंथन से उत्पन्न हुए हैं. देवी लक्ष्मी धन की देवी हैं परन्तु उनकी कृपा प्राप्त करने के लिए आपको स्वस्थ्य और लम्बी आयु भी चाहिए यही कारण है दीपावली दो दिन पहले से ही यानी धनतेरस से ही दीपामालाएं सजने लगती हें
कार्तिक कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि के दिन ही धन्वन्तरि का जन्म हुआ था इसलिए इस तिथि को धनतेरस के नाम से जाना जाता है. धन्वन्तरी जब प्रकट हुए थे तो उनके हाथो में अमृत से भरा कलश था. भगवान धन्वन्तरी चुकि कलश लेकर प्रकट हुए थे इसलिए ही इस अवसर पर बर्तन खरीदने की परम्परा है. कहीं कहीं लोकमान्यता के अनुसार यह भी कहा जाता है कि इस दिन धन (वस्तु) खरीदने से उसमें 13 गुणा वृद्धि होती है. इस अवसर पर धनिया के बीज खरीद कर भी लोग घर में रखते हैं. दीपावली के बाद इन बीजों को लोग अपने बाग-बगीचों में या खेतों में बोते हैं.
⚜ *धनवंतरी जयंती :-*
*आविर्बभूव कलशं दधदर्णवाद्यः पियूषपूर्णममरत्व कृते सुराणाम |*
*रुग्जालजीर्ण जनता जनित प्रशंसो, धन्वन्तरिः सभगवान भविकाय भूयात ||*
धन्वन्तरि देवताओं के वैद्य हैं और चिकित्सा के देवता माने जाते हैं इसलिए चिकित्सकों के लिए धनतेरस का दिन बहुत ही महत्व पूर्ण होता है.
धन्वंतरि ईसा से लगभग दस हज़ार वर्ष पूर्व हुए थे। वह काशी के राजा महाराज धन्व के पुत्र थे। उन्होंने शल्य शास्त्र पर महत्त्वपूर्ण गवेषणाएं की थीं। उनके प्रपौत्र दिवोदास ने उन्हें परिमार्जित कर सुश्रुत आदि शिष्यों को उपदेश दिए इस तरह सुश्रुत संहिता किसी एक का नहीं, बल्कि धन्वंतरि, दिवोदास और सुश्रुत तीनों के वैज्ञानिक जीवन का मूर्त रूप है। धन्वंतरि के जीवन का सबसे बड़ा वैज्ञानिक प्रयोग अमृत का है। उनके जीवन के साथ अमृत का कलश जुड़ा है। वह भी सोने का कलश। अमृत निर्माण करने का प्रयोग धन्वंतरि ने स्वर्ण पात्र में ही बताया था। उन्होंने कहा कि जरा मृत्यु के विनाश के लिए ब्रह्मा आदि देवताओं ने सोम नामक अमृत का आविष्कार किया था। सुश्रुत उनके रासायनिक प्रयोग के उल्लेख हैं। धन्वंतरि के संप्रदाय में सौ प्रकार की मृत्यु है। उनमें एक ही काल मृत्यु है, शेष अकाल मृत्यु रोकने के प्रयास ही निदान और चिकित्सा हैं। आयु के न्यूनाधिक्य की एक-एक माप धन्वंतरि ने बताई है। पुरुष अथवा स्त्री को अपने हाथ के नाप से 120 उंगली लंबा होना चाहिए, जबकि छाती और कमर अठारह उंगली। शरीर के एक-एक अवयव की स्वस्थ और अस्वस्थ माप धन्वंतरि ने बताई है। उन्होंने चिकित्सा के अलावा फसलों का भी गहन अध्ययन किया है। पशु-पक्षियों के स्वभाव, उनके मांस के गुण-अवगुण और उनके भेद भी उन्हें ज्ञात थे। मानव की भोज्य सामग्री का जितना वैज्ञानिक व सांगोपांग विवेचन धन्वंतरि और सुश्रुत ने किया है, वह आज के युग में भी प्रासंगिक और महत्त्वपूर्ण है।
🕉 *धनतेरस पूजन मुर्हूत :-*
💰 *हर प्रकार की खरीदी का मुहूर्त -*
दोप. 11.48 से 12.15 तक
दोप. 01.30 से 03.00 तक
शाम 06.00 से 09.00 तक।
📖 *गादी बदलने का मुहूर्त -*
प्रातः 09.00 से दोप. 12.00 तक ।
⚛ *पूजन का मुहूर्त-*
प्रातः 09.00 से 12.00 तक
दोप. 01.30 से 03.00 तक
शाम 06.00 से 09.00 तक।
📜 *लग्न-अनुसार-*
वृश्चिक लग्न - प्रात: 06.52 से 09.09 तक ।
धनु लग्न - प्रात: 09.09 से 11.14 तक ।
कुंभ लग्न - दोप. 01.01 से 02.35 तक ।
मेष लग्न - संध्या 05.45 से 08.44 तक ।
वृषभ लग्न - रात्रि 08.44 से 09.58 तक ।
🕉 *विशिष्ठ प्रयोग :-*
धनतेरस के दिन हल्दी और चावल पीसकर उसके घोल से घर के मुख्य दरवाजे पर ऊँ बनाने से घर में लक्ष्मीजी (धन) का आगमन बना ही रहता है ।
👁🗨 *राहुकाल :-*
प्रात: 08.00 से 09.23 तक ।
🚦 *दिशाशूल :-*
पूर्व दिशा- यदि आवश्यक हो तो दर्पण देखकर यात्रा प्रारंभ करें ।
☸ शुभ अंक..............5
🔯 शुभ रंग.............लाल
⏳ *चौघडिया :-*
प्रात: 06.36 से 07.59 तक अमृत
प्रात: 09.22 से 10.46 तक शुभ
दोप. 01.32 से 02.55 तक चंचल
अप. 02.55 से 04.19 तक लाभ
सायं 04.19 से 05.42 तक अमृत
सायं 05.42 से 07.19 तक चंचल ।
📿 *आज का मंत्र :-*
|| ॐ यक्षस्वरूपाय नमः ||
🎙 *संस्कृत सुभाषितानि :-*
तथा कार्यं समर्प्यैव सर्वेषां ब्रह्मता ततः।
गंगात्वं सर्वदोषाणां गुणदोषादिवर्णना।
गंगात्वेन निरूप्या स्यात्तद्वदत्रापि चैव हि॥८॥
अर्थात :
और सभी कार्यों को प्रभु को ही समर्पित करने से वे प्रभु जैसे ही पवित्र हो जाते हैं। जिस प्रकार गंगा में मिलने से सभी प्रकार का जल पवित्र होकर गंगात्व को प्राप्त हो जाता है उसी प्रकार यहाँ भी समझना चाहिए॥८॥
🍃 *आरोग्यं :-*
😡 *गुस्सा कम करने के उपाय -*
*3. खुद के लिए समय निकालें -*
व्यस्तता कई बार तनाव की वजह बनता है। पैसे प्राप्त करने या किसी को खुश करने के लिए हम कई बार खुद को समय नहीं दे पाते जिसकी वजह से हमारे अंदर असंतुष्टि और निराशा का भाव पैदा होने लगता है। अपने गुस्से को दूर करने के लिए आप खुद को समय दीजिए। यदि आप अपने आप को समय देते हैं, तो आप खुद को बेटर महसूस करेंगे।
⚜ *आज का राशिफल :-*
🐏 *राशि फलादेश मेष :-*
संपत्ति के बड़े सौदे बड़ा लाभ दे सकते हैं। आय के स्रोतों में वृद्धि होगी। उन्नति के मार्ग प्रशस्त होंगे। उच्चाधिकारियों का सहयोग प्राप्त होगा। लाभ के अवसर हाथ आएंगे। किसी बड़े कार्य के होने से प्रसन्नता रहेगी। पारिवारिक सहयोग प्राप्त होगा। प्रसन्नता रहेगी। कोई बड़ा काम करने का साहस कर पाएंगे।
🐂 *राशि फलादेश वृष :-*
किसी आनंदोत्सव में भाग लेने का अवसर प्राप्त होगा। यात्रा मनोरंजक रहेगी। मनपसंद भोजन का आनंद प्राप्त होगा। विद्यार्थी वर्ग सफलता हासिल करेगा। उत्साह बना रहेगा। व्यवसाय मनोनुकूल रहेगा। धन प्राप्ति सुगम होगी। व्यवसाय संबंधी मामलों में निर्णय ले पाएंगे। जोखिम व जमानत के कार्य टालें।
👫 *राशि फलादेश मिथुन :-*
दौड़धूप अधिक होगी। दु:खद समाचार मिल सकता है। वाणी पर नियंत्रण रखें। अपेक्षित कार्यों में बाधा संभव है। खिन्नता रहेगी। पुराना रोग उभर सकता है। कीमती वस्तुएं संभालकर रखें। व्यवसाय ठीक चलेगा। आय बनी रहेगी। कोई भी बड़ा निर्णय सोच-समझकर करें। स्वयं का कार्य स्वयं करें।
🦀 *राशि फलादेश कर्क :-*
प्रयास सफल रहेंगे। कार्यसिद्धि से प्रसन्नता रहेगी। घर-बाहर पूछ-परख रहेगी। नौकरी में प्रभाव बढ़ेगा। बड़ा कार्य करने का साहस कर पाएंगे। निवेश, नौकरी व यात्रा मनोनुकूल लाभ देंगे। घर-परिवार की चिंता रहेगी। उत्साह बना रहेगा। काम में मन लगेगा। समय अनुकूल है, लाभ लें। विवाद न करें।
🦁 *राशि फलादेश सिंह :-*
भूले-बिसरे मित्र व संबंधियों से मुलाकात होगी। उत्साहवर्धक सूचना मिलेगी। आत्मसम्मान बना रहेगा। व्यवसाय मनोनुकूल चलेगा। आय में निश्चितता रहेगी। कुसंगति से बचें। लोगों की बातों में न आएं। झंझटों से दूर रहें। जल्दबाजी न करें। घर-बाहर प्रसन्नता बनी रहेगी।
👱🏻♀ *राशि फलादेश कन्या :-*
व्यावसायिक यात्रा सफल रहेगी। किसी बड़ी समस्या का हल आसानी से मिलेगा। उत्साह बना रहेगा। शत्रु नतमस्तक होंगे। घर-बाहर सहयोग मिलेगा। भेंट व उपहार की प्राप्ति होगी। धन प्राप्ति सुगम होगी। जल्दबाजी न करें। भाग्य का साथ मिलेगा। समय अनुकूल है। दूसरों के झगड़ों में न पड़ें।
⚖ *राशि फलादेश तुला :-*
स्वास्थ्य का पाया कमजोर रहेगा। वाणी पर नियंत्रण रखें। लेन-देन में सावधानी आवश्यक है। कोई भी बड़ा निर्णय सोच-समझकर लें। जल्दबाजी न करें। दुष्टजन हानि पहुंचा सकते हैं। अपेक्षित कार्यों में बाधा उत्पन्न होने से तनाव रहेगा। व्यवसाय ठीक चलेगा। जोखिम व जमानत के कार्य टालें। मेहनत अधिक होगी।
🦂 *राशि फलादेश वृश्चिक :-*
व्यावसायिक यात्रा सफल रहेगी। वैवाहिक प्रस्ताव की प्राप्ति संभव है। लाभ के अवसर हाथ आएंगे। डूबी हुई रकम प्राप्त हो सकती है, प्रयास करें। दौड़धूप अधिक होगी। थकान रहेगी। घर-परिवार की चिंता रहेगी। वरिष्ठजन सहयोग करेंगे। कारोबार में वृद्धि होगी। स्वास्थ्य का ध्यान रखें।
🏹 *राशि फलादेश धनु :-*
विवाद को बढ़ावा न दें। कानूनी समस्या हो सकती है। जल्दबाजी से बचें। योजना फलीभूत होगी। कार्यस्थल पर परिवर्तन संभव है। नए अनुबंध होंगे। तत्काल लाभ नहीं मिलेगा। मान-सम्मान मिलेगा। प्रसन्नता में वृद्धि होगी। व्ययसाय ठीक चलेगा। निवेश लाभदायक रहेगा।
🐊 *राशि फलादेश मकर :-*
देव-दर्शन सुलभ हो सकता है। पूजा-पाठ में मन लगेगा। साधु-संत का आशीर्वाद प्राप्त होगा। व्यवसाय में उन्नति होगी। कोर्ट व कचहरी के कार्य अनुकूल रहेंगे। तंत्र-मंत्र में रुचि रहेगी। पारिवारिक मेल तथा सौहार्द में वृद्धि होगी। धन प्राप्ति सुगम होगी। प्रमाद न करें। आलस्य हावी रहेगा।
🏺 *राशि फलादेश कुंभ :-*
चोट व दुर्घटना से बड़ी हानि हो सकती है। जल्दबाजी न करें। क्रोध व उत्तेजना पर नियंत्रण रखें। स्वास्थ्य का पाया कमजोर रहेगा। कोई भी बड़ा निर्णय सोच-समझकर कर लें। कीमती वस्तुएं संभालकर रखें। धनहानि हो सकती है। व्यवसाय ठीक चलेगा।
🐋 *राशि फलादेश मीन :-*
जीवनसाथी से सहयोग प्राप्त होगा। कानूनी अड़चन दूर होगी। किसी आनंदोत्सव में मित्र व संबंधी मिलेंगे। प्रसन्नता रहेगी। विवाद न करें। सामाजिक प्रतिष्ठा बढ़ेगी। व्यवसाय ठीक चलेगा। लाभ के अवसर हाथ आएंगे। ऐश्वर्य पर व्यय होगा। जोखिम व जमानत के कार्य टालें।
*पं. संतोष नागर,उज्जैन*
Astrologer
☯ *आज का दिन सभी के लिए मंगलमय हो ।*
।। 🐚 *शुभम भवतु* 🐚 ।।
🇮🇳🇮🇳 *भारत माता की जय* 🚩🚩
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