. *।। ॐ ।।*
🚩🌞 *सुप्रभातम्* 🌞🚩
📜 ««« *आज का पंचांग* »»»📜
कलियुगाब्द.........................5120
विक्रम संवत्........................2075
शक संवत्...........................1940
मास.................................कार्तिक
पक्ष.....................................कृष्ण
तिथी.............................अमावस्या
रात्रि 09.35 पर्यंत पश्चात प्रतिपदा
रवि..............................दक्षिणायन
सूर्योदय...................06.34.28 पर
सूर्यास्त....................05.46.39 पर
सूर्य राशि...............................तुला
चन्द्र राशि..............................तुला
नक्षत्र..................................स्वाति
संध्या 07.34 पर्यंत पश्चात विशाखा
योग...............................आयुष्मान
संध्या 05.59 पर्यंत पश्चात सौभाग्य
करण................................चतुष्पद
प्रातः 09.57 पर्यंत पश्चात नाग
ऋतु.....................................शरद
दिन..................................बुधवार
🇬🇧 *आंग्ल मतानुसार* :-
07 नवम्बर सन 2018 ईस्वी ।
🕉 *तिथी/पर्व/व्रत विशेष :-*
*दीपावली* या *दीवाली* अर्थात *"रोशनी का त्योहार"* शरद ऋतु में हर वर्ष मनाया जाने वाला एक प्राचीन *सनातनी हिंदू त्योहार* है । यह त्योहार आध्यात्मिक रूप से अंधकार पर प्रकाश की विजय को दर्शाता है । *‘तमसो मा ज्योतिर्गमय’* अर्थात् *‘अंधेरे से ज्योति अर्थात प्रकाश की ओर जाइए’* यह *उपनिषदों* की आज्ञा है। इसे सिख, बौद्ध तथा जैन धर्म के लोग भी मनाते हैं। जैन धर्म के लोग इसे महावीर के मोक्ष दिवस के रूप में मनाते हैं तथा सिख समुदाय इसे बन्दी छोड़ दिवस के रूप में मनाता है। माना जाता है कि दीपावली के दिन अयोध्या के राजा *मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम* अपने चौदह वर्ष के वनवास के पश्चात लौटे थे । अयोध्यावासियों का ह्रदय अपने परम प्रिय राजा के आगमन से प्रफुल्लित हो उठा था। श्री राम के स्वागत में अयोध्यावासियों ने घी के दीपक जलाए । कार्तिक मास की सघन काली अमावस्या की वह रात्रि दीयों की रोशनी से जगमगा उठी । तब से आज तक भारतीय प्रति वर्ष यह प्रकाश-पर्व हर्ष व उल्लास से मनाते हैं ।
दीपावली स्वच्छता व प्रकाश का पर्व है। कई सप्ताह पूर्व ही दीपावली की तैयारियाँ आरंभ हो जाती हैं। लोग अपने घरों, दुकानों आदि की सफाई का कार्य आरंभ कर देते हैं। घरों में मरम्मत, रंग-रोगन, सफ़ेदी आदि का कार्य होने लगता है। लोग दुकानों को भी साफ़ सुथरा कर सजाते हैं। बाज़ारों में गलियों को भी सुनहरी झंडियों से सजाया जाता है। दीपावली से पहले ही घर-मोहल्ले, बाज़ार सब साफ-सुथरे व सजे-धजे नज़र आते हैं। दीपावली शब्द की उत्पत्ति संस्कृत के दो शब्दों 'दीप' अर्थात 'दिया' व 'आवली' अर्थात 'लाइन' या 'श्रृंखला' के मिश्रण से हुई है। इसके उत्सव में घरों के द्वारों, घरों व मंदिरों पर लाखों प्रकाशकों को प्रज्वलित किया जाता है । दीपावली जिसे दिवाली भी कहते हैं ।
🕯 *दीपावली से जुड़ी 10 प्रमुख ऐतिहासिक घटनाएं...*
*1. लक्ष्मी अवतरण -*
कार्तिक मास की अमावस्या तिथि को मां लक्ष्मी समुद्र मंथन द्वारा धरती पर प्रकट हुई थीं। दीपावली के त्योहार को मनाने का सबसे खास कारण यही है। इस पर्व को मां लक्ष्मी के स्वागत के रूप में मनाते हैं और हर घर को सजाया संवारा जाता है ताकि मां का आगमन हो।
*2. भगवान विष्णु द्वारा लक्ष्मी जी को बचाना -*
इस घटना का उल्लेख हमारे शास्त्रों में मिलता है। कहा जाता है कि इस दिन भगवान विष्णु ने वामन अवतार लेकर राजा बलि से माता लक्ष्मी को मुक्त करवाया था।
*3. भगवान राम की विजय -*
रामायण के अनुसार इस दिन जब भगवान राम, सीताजी और भाई लक्ष्मण के साथ 14 वर्ष का वनवास पूर्ण कर अयोध्या वापिस लौटे थे। उनके स्वागत में पूरी अयोध्या को दीप जलाकर रौशन किया गया था।
*4. नरकासुर वध -*
भगवान कृष्ण ने नरकासुर का वध कर 16000 स्त्रियों को इसी दिन मुक्त करवाया था। इसी खुशी में दीपावली का त्यौहार दो दिन तक मनाया गया और इसे विजय पर्व के नाम से जाना गया।
*5. पांडवों की वापसी -*
महाभारत के अनुसार जब कौरव और पांडव के बीच होने वाले चौसर के खेल में पांडव हार गए, तो उन्हें 12 वर्ष का अज्ञात वास दिया गया था। पांचों पांडव अपना 12 साल का वनवास समाप्त कर इसी दिन वापस लौटे थे। उनके लौटने की खुशी में दीप जलाकर खुशी के साथ दीपावली मनाई गई थी।
*6. विक्रमादित्य का राजतिलक -*
राजा विक्रमादित्य के राजतिलक का प्रसंग भी इसी दिन से जुड़ा हुआ है। बताया जाता है कि राजा विक्रमादित्य का राजतिलक इस दिन किया गया था, जिससे दिवाली का महत्व और खुशियों दुगुनी हो गईं।
*7. आर्य समाज -*
स्वामी दयानंद सरस्वती द्वारा आर्य समाज की स्थापना भी इसी दिन की गई थी। इस कारण भी दीपावली का त्योहार विशेष महत्व रखता है।
*8. जैन धर्म -*
दीपावली का दिन जैन संप्रदाय के लोगों के लिए भी विशेष रूप से महत्वपूर्ण है। जैन धर्म इस पर्व को भगवान महावीर जी के मोक्षदिवस के रूप में मनाता है। ऐसा माना जाता है कि कार्तिक मास की अमावस्या के दिन ही भगवान महावीर को मोक्ष की प्राप्ति हुई थी।
*9. सिक्ख धर्म -*
सिख धर्म के लिए भी दीपावली बहुत महत्वपूर्ण पर्व है। इस दिन को सिख धर्म के तीसरे गुरु अमरदास जी ने लाल पत्र दिवस के रूप में मनाया था जिसमें सभी श्रद्धालु गुरु से आशीर्वाद लेने पहुंचे थे। इसके अलावा सन् 1577 में अमृतसर के हरिमंदिर साहिब का शिलान्यास भी दीपावली के दिन ही किया गया था।
*10.* सन् 1619 में सिक्ख गुरु हरगोबिन्द जी को ग्वालियर के किले में 52 राजाओं के साथ मुक्त किया जाना भी इस दिन की प्रमुख ऐतिहासिक घटना रही है। इसलिए इस पर्व को सिक्ख समाज बंदी छोड़ दिवस के रूप में भी मनाता हैं। इन राजाओं व हरगोबिंद सिंह जी को मुगल बादशाह जहांगीर ने नजरबंंद किया हुआ था।
👁🗨 *राहुकाल* :-
दोपहर 12.10 से 01.33 तक ।
🚦 *दिशाशूल* :-
उत्तरदिशा - यदि आवश्यक हो तो तिल का सेवन कर यात्रा प्रारंभ करें ।
☸ शुभ अंक..........................7
🔯 शुभ रंग..........................हरा
⚛ *महालक्ष्मी पुजन मुहूर्त विचार :-*
लक्ष्मी-गणेश पूजा का शुभ मुहूर्त -
प्रात: 08.00 से 09.23 तक ।
प्रात: 10.46 से 12.09 तक ।
दोप. 02.55 से 04.18 तक ।
सायं 04.18 से 05.41 तक ।
रात्रि 07.18 से 08.55 तक ।
*स्थिर लग्न :-*
वृश्चिक - प्रातः 08:10 से 09:45 तक
कुम्भ - दोप. 01:30 से 03:05 तक
वृष - संध्या 06:15 से 08:05 तक
सिंह - रात्रि 12:45 से 02:50 तक
⚜ *चौघडिया :-*
प्रात: 06.37 से 08.00 तक लाभ ।
प्रात: 08.00 से 09.23 तक अमृत ।
प्रात: 10.46 से 12.09 तक शुभ ।
दोप. 02.55 से 04.18 तक चंचल ।
सायं 04.18 से 05.41 तक लाभ ।
रात्रि 07.18 से 08.55 तक शुभ ।
📿 *आज का मंत्र* :-
॥ ॐ ह्रीं श्रीं लक्ष्मीभ्यो नमः ॥
॥ ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं महालक्ष्मयै नम: ॥
🔯 *महालक्ष्मी गायत्री मंत्र :-*
॥ ॐ श्री महालक्ष्म्यै च विद्महे विष्णु पत्न्यै च धीमहि तन्नो लक्ष्मी प्रचोदयात् ॐ ॥
🎙 *सुभाषितम्* :-
यथा हि एकेन चक्रेण
न रथस्य गतिर्भवेत्।
एवं पुरूषकारेण विना
दैवं न सिध्यति॥
अर्थात :-
जिस प्रकार एक पहिये वाले रथ की गति संभव नहीं है, उसी प्रकार पुरुषार्थ के बिना केवल भाग्य से कार्य सिद्ध नहीं होते हैं।
🍃 *आरोग्य सलाह :-*
🎇 *पटाखों से हाथ जलने पर तुरंत उपचार -*
*फर्स्ट एड ट्रीटमेंट -*
दिवाली के दिन पटाखों से कोई अनहोनी न हो इसके लिए जरूरी है कि आप अपना फर्स्ट एड बॉक्स बिल्कुल तैयार रखें जिससे आप तुरंत उपचार की दिशा में कोई प्रभावी कदम उठा सकें।
*कपड़े और एसेसरीज -*
पटाखे से जलने पर बहुत जरूरी है कि उस हिस्से से कपड़े या एसेसरीज को तुरंत हटाएं। किसी भी प्रकार का कपड़ा, अंगूठी, बेल्ट, जूता ऐसी स्थिति में हानिकारक हो सकता है।
*जले को तुरंत ठंडक पहुँचाएं -*
जलने की स्थिति में तुरंत आराम के लिए सबसे पहले जले हुए हिस्से को ठंडक पहुंचाएं। उस हिस्से को नल के नीचे रखें जब तक दर्द का एहसास थोड़ा कम न हो। या फिर आप वहां बर्फ, मक्खन और ठंडे पाने में भिगोए कपड़े से भी सेंक सकते हैं। इससे भी तुरंत आराम मिलेगा।
*कवर करें -*
जला हुआ हिस्सा जब थोड़ा ठंडा हो जाए तो 15-20 मिनट बाद उसपर कोई ऑइनमेंट क्रीम लगाएं और उसे साफ व सूखे कपड़े या बैंडेज से कवर करें।
*आंखों को ऐसे दें राहत -*
अगर आंखों में कोई चिंगारी चली जाए या पटाखे से जल जाए तो तुरंत आंखों को पानी से साफ करें और तुरंत डॉक्टर के पास जाएं। अगर आप कॉन्टैक्ट लेन्स पहनते हैं तो आंखों को पानी से साफ करने के पहले लेन्स हटाना न भूलें।
*जब कपड़ों में आग लग जाए -*
अगर पटाखे जलाते वक्त कपड़ों में आग लग जाए तो तुरंत जमीन पर खुद को रोल करें जिससे तुरंत आग बुझ सके। इसके बाद जैकेट या कंबल से व्यक्ति को पूरी तरह कवर करना चाहिए और डॉक्टर को दिखाएँ।
*घरेलू उपचार -*
छोटे घाव को ठीक करने के लिए उसपर नारियल का तेल, नीम का तेल, एलोवेरा या शहद लगाने से भी तुरंत आराम मिलता है। लेकिन घाव को समय रहते डॉक्टर से दिखाने में कोई बुराई नहीं।
⚜ *आज का राशिफल :-*
🐏 *राशि फलादेश मेष* :-
परिवार के किसी सदस्य के स्वास्थ्य की चिंता रहेगी। दुष्टजन हानि पहुंचा सकते हैं। विरोधी सक्रिय रहेंगे। प्रतिद्वंद्विता बढ़ेगी। पुराना रोग उभर सकता है। वाणी में हल्के शब्दों के प्रयोग से बचें। स्वाभिमान को ठेस पहुंच सकती है। राजकीय बाधा दूर होकर लाभ होगा।
🐂 *राशि फलादेश वृष* :-
संपत्ति के कार्य लाभ देंगे। बेरोजगारी दूर करने के प्रयास सफल रहेंगे। लाभ के अवसर हाथ आएंगे। भाग्य का साथ मिलेगा। स्वास्थ्य पर काम का असर पड़ेगा। लापरवाही न करें। कोई बड़ा काम हो सकता है। प्रसन्नता रहेगी। जोखिम उठाने का साहस कर पाएंगे।
👫 *राशि फलादेश मिथुन* :-
रचनात्मक कार्य पूर्ण सफल रहेंगे। पार्टी व पिकनिक का आनंद प्राप्त होगा। ईष्ट मित्रों के साथ सुखमय समय व्यतीत होगा। व्ययवृद्धि होगी। विवाद को बढ़ावा न दें। आलस्य हावी रहेगा। विवेक का प्रयोग करें। जोखिम वाले कार्य बिलकुल न करें।
🦀 *राशि फलादेश कर्क* :-
बिना वजह बहस हो सकती है। झंझटों से दूर रहें। लाभ के अवसर हाथ से निकलेंगे। दु:खद सूचना मिल सकती है। प्रयास अधिक करना पड़ेंगे। दौड़धूप अधिक होगी। बनते कामों में बाधा आएगी। थकान महसूस होगी। व्यवसाय ठीक चलेगा, धैर्य रखें।
🦁 *राशि फलादेश सिंह* :-
मेहनत का फल मिलेगा। सामाजिक प्रतिष्ठा बढ़ेगी। कार्यसिद्धि होगी। जोखिम उठाने का साहस कर पाएंगे। लेन-देन में सावधानी रखें। व्यवसाय लाभदायक रहेगा। नौकरी में अधिकार बढ़ सकते हैं। उच्चाधिकारी सहयोग करेंगे। काम में अधिक ध्यान दे पाएंगे।
👩🏻 *राशि फलादेश कन्या* :-
भूले-बिसरे साथियों से मुलाकात होगी। शुभ सूचना प्राप्त होगी। कार्य के विस्तार का मन बनेगा। पार्टनरों का मातहतों का सहयोग प्राप्त होगा। विरोधी सक्रिय रहेंगे। आय बनी रहेगी। नौकरी में प्रमाद न करें। विवाद से क्लेश होगा। झंझटों में न पड़ें।
⚖ *राशि फलादेश तुला* :-
यात्रा लाभदायक रहेगी। प्रेम-प्रसंग में अनुकूलता रहेगी। भेंट व उपहार की प्राप्ति होगी। बेरोजगारी दूर करने के प्रयास सफल रहेंगे। कोई बड़ा कार्य होने से प्रसन्नता होगी। भाग्य का साथ मिलेगा। पारिवारिक सहयोग मिलता रहेगा। थकान रहेगी। जोखिम व जमानत के कार्य टालें।
🦂 *राशि फलादेश वृश्चिक* :-
अप्रत्याशित खर्च सामने आएंगे। दूसरों से अपेक्षा न करें। बनते कामों में बाधा उत्पन्न हो सकती है। बेचैनी रहेगी। वाणी पर नियंत्रण आवश्यक है। लेन-देन में सावधानी रखें। कारोबार में जोखिम न लें। दूसरों की बातों में आकर बड़ा नुकसान हो सकता है।
🏹 *राशि फलादेश धनु* :-
डूबी हुई रकम प्राप्त हो सकती है। समय पर कर्ज चुकाने की व्यवस्था बनेगी। व्यावसायिक यात्रा सफल रहेगी। धन प्राप्ति सुगम होगी। भाग्य का साथ मिलेगा। परिवार में तनाव रह सकता है। मतभेद दूर करें। सोच-समझकर निर्णय लें। जोखिम न उठाएं।
🐊 *राशि फलादेश मकर* :-
सरकारी महकमे में सम्मान मिलेगा। सुख के साधनों पर व्यय होगा। आर्थिक नीति बनेगी। कार्यस्थल पर परिवर्तन संभव है। भाग्य का साथ मिलेगा। प्रमाद न करें। व्यवसाय ठीक चलेगा। प्रसन्नता में वृद्धि होगी। प्रभावशाली व्यक्ति सहयोग करेंगे।
🏺 *राशि फलादेश कुंभ* :-
पूजा-पाठ में मन लगेगा। ऐश्वर्य के साधनों पर बड़ा खर्च हो सकता है। राजकीय बाधा दूर होकर लाभ की स्थिति बनेगी। व्यवसाय ठीक चलेगा। जोखिम उठाने का साहस कर पाएंगे। दूसरों की बातों में न आएं। प्रसन्नता रहेगी। मानसिक बेचैनी रहेगी।
🐋 *राशि फलादेश मीन* :-
चोट व दुर्घटना से बड़ी हानि हो सकती है। पुराना रोग उभर सकता है। कुसंगति से बचें। जोखिम उठाने व जल्दबाजी करने से बचें। समय ठीक नहीं है। अत: निर्णय लेने में विवेक का प्रयोग करें। झंझटों से दूर रहें। व्यवसाय ठीक चलेगा। आय बनी रहेगी।
☯ आज का दिन सभी के लिए मंगलमय हो ।
☯ आप सभी मित्रों को *दीपोत्सव* के तृतीय सोपान *दीपावली* के शुभवसर पर अनंतानंत मंगलकामनाये....
सदैव आपका.... *पं. संतोष नागर, उज्जैन*
।। 🐚 *शुभम भवतु* 🐚 ।।
🇮🇳🇮🇳 *भारत माता की जय* 🚩🚩
🚩🌞 *सुप्रभातम्* 🌞🚩
📜 ««« *आज का पंचांग* »»»📜
कलियुगाब्द.........................5120
विक्रम संवत्........................2075
शक संवत्...........................1940
मास.................................कार्तिक
पक्ष.....................................कृष्ण
तिथी.............................अमावस्या
रात्रि 09.35 पर्यंत पश्चात प्रतिपदा
रवि..............................दक्षिणायन
सूर्योदय...................06.34.28 पर
सूर्यास्त....................05.46.39 पर
सूर्य राशि...............................तुला
चन्द्र राशि..............................तुला
नक्षत्र..................................स्वाति
संध्या 07.34 पर्यंत पश्चात विशाखा
योग...............................आयुष्मान
संध्या 05.59 पर्यंत पश्चात सौभाग्य
करण................................चतुष्पद
प्रातः 09.57 पर्यंत पश्चात नाग
ऋतु.....................................शरद
दिन..................................बुधवार
🇬🇧 *आंग्ल मतानुसार* :-
07 नवम्बर सन 2018 ईस्वी ।
🕉 *तिथी/पर्व/व्रत विशेष :-*
*दीपावली* या *दीवाली* अर्थात *"रोशनी का त्योहार"* शरद ऋतु में हर वर्ष मनाया जाने वाला एक प्राचीन *सनातनी हिंदू त्योहार* है । यह त्योहार आध्यात्मिक रूप से अंधकार पर प्रकाश की विजय को दर्शाता है । *‘तमसो मा ज्योतिर्गमय’* अर्थात् *‘अंधेरे से ज्योति अर्थात प्रकाश की ओर जाइए’* यह *उपनिषदों* की आज्ञा है। इसे सिख, बौद्ध तथा जैन धर्म के लोग भी मनाते हैं। जैन धर्म के लोग इसे महावीर के मोक्ष दिवस के रूप में मनाते हैं तथा सिख समुदाय इसे बन्दी छोड़ दिवस के रूप में मनाता है। माना जाता है कि दीपावली के दिन अयोध्या के राजा *मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम* अपने चौदह वर्ष के वनवास के पश्चात लौटे थे । अयोध्यावासियों का ह्रदय अपने परम प्रिय राजा के आगमन से प्रफुल्लित हो उठा था। श्री राम के स्वागत में अयोध्यावासियों ने घी के दीपक जलाए । कार्तिक मास की सघन काली अमावस्या की वह रात्रि दीयों की रोशनी से जगमगा उठी । तब से आज तक भारतीय प्रति वर्ष यह प्रकाश-पर्व हर्ष व उल्लास से मनाते हैं ।
दीपावली स्वच्छता व प्रकाश का पर्व है। कई सप्ताह पूर्व ही दीपावली की तैयारियाँ आरंभ हो जाती हैं। लोग अपने घरों, दुकानों आदि की सफाई का कार्य आरंभ कर देते हैं। घरों में मरम्मत, रंग-रोगन, सफ़ेदी आदि का कार्य होने लगता है। लोग दुकानों को भी साफ़ सुथरा कर सजाते हैं। बाज़ारों में गलियों को भी सुनहरी झंडियों से सजाया जाता है। दीपावली से पहले ही घर-मोहल्ले, बाज़ार सब साफ-सुथरे व सजे-धजे नज़र आते हैं। दीपावली शब्द की उत्पत्ति संस्कृत के दो शब्दों 'दीप' अर्थात 'दिया' व 'आवली' अर्थात 'लाइन' या 'श्रृंखला' के मिश्रण से हुई है। इसके उत्सव में घरों के द्वारों, घरों व मंदिरों पर लाखों प्रकाशकों को प्रज्वलित किया जाता है । दीपावली जिसे दिवाली भी कहते हैं ।
🕯 *दीपावली से जुड़ी 10 प्रमुख ऐतिहासिक घटनाएं...*
*1. लक्ष्मी अवतरण -*
कार्तिक मास की अमावस्या तिथि को मां लक्ष्मी समुद्र मंथन द्वारा धरती पर प्रकट हुई थीं। दीपावली के त्योहार को मनाने का सबसे खास कारण यही है। इस पर्व को मां लक्ष्मी के स्वागत के रूप में मनाते हैं और हर घर को सजाया संवारा जाता है ताकि मां का आगमन हो।
*2. भगवान विष्णु द्वारा लक्ष्मी जी को बचाना -*
इस घटना का उल्लेख हमारे शास्त्रों में मिलता है। कहा जाता है कि इस दिन भगवान विष्णु ने वामन अवतार लेकर राजा बलि से माता लक्ष्मी को मुक्त करवाया था।
*3. भगवान राम की विजय -*
रामायण के अनुसार इस दिन जब भगवान राम, सीताजी और भाई लक्ष्मण के साथ 14 वर्ष का वनवास पूर्ण कर अयोध्या वापिस लौटे थे। उनके स्वागत में पूरी अयोध्या को दीप जलाकर रौशन किया गया था।
*4. नरकासुर वध -*
भगवान कृष्ण ने नरकासुर का वध कर 16000 स्त्रियों को इसी दिन मुक्त करवाया था। इसी खुशी में दीपावली का त्यौहार दो दिन तक मनाया गया और इसे विजय पर्व के नाम से जाना गया।
*5. पांडवों की वापसी -*
महाभारत के अनुसार जब कौरव और पांडव के बीच होने वाले चौसर के खेल में पांडव हार गए, तो उन्हें 12 वर्ष का अज्ञात वास दिया गया था। पांचों पांडव अपना 12 साल का वनवास समाप्त कर इसी दिन वापस लौटे थे। उनके लौटने की खुशी में दीप जलाकर खुशी के साथ दीपावली मनाई गई थी।
*6. विक्रमादित्य का राजतिलक -*
राजा विक्रमादित्य के राजतिलक का प्रसंग भी इसी दिन से जुड़ा हुआ है। बताया जाता है कि राजा विक्रमादित्य का राजतिलक इस दिन किया गया था, जिससे दिवाली का महत्व और खुशियों दुगुनी हो गईं।
*7. आर्य समाज -*
स्वामी दयानंद सरस्वती द्वारा आर्य समाज की स्थापना भी इसी दिन की गई थी। इस कारण भी दीपावली का त्योहार विशेष महत्व रखता है।
*8. जैन धर्म -*
दीपावली का दिन जैन संप्रदाय के लोगों के लिए भी विशेष रूप से महत्वपूर्ण है। जैन धर्म इस पर्व को भगवान महावीर जी के मोक्षदिवस के रूप में मनाता है। ऐसा माना जाता है कि कार्तिक मास की अमावस्या के दिन ही भगवान महावीर को मोक्ष की प्राप्ति हुई थी।
*9. सिक्ख धर्म -*
सिख धर्म के लिए भी दीपावली बहुत महत्वपूर्ण पर्व है। इस दिन को सिख धर्म के तीसरे गुरु अमरदास जी ने लाल पत्र दिवस के रूप में मनाया था जिसमें सभी श्रद्धालु गुरु से आशीर्वाद लेने पहुंचे थे। इसके अलावा सन् 1577 में अमृतसर के हरिमंदिर साहिब का शिलान्यास भी दीपावली के दिन ही किया गया था।
*10.* सन् 1619 में सिक्ख गुरु हरगोबिन्द जी को ग्वालियर के किले में 52 राजाओं के साथ मुक्त किया जाना भी इस दिन की प्रमुख ऐतिहासिक घटना रही है। इसलिए इस पर्व को सिक्ख समाज बंदी छोड़ दिवस के रूप में भी मनाता हैं। इन राजाओं व हरगोबिंद सिंह जी को मुगल बादशाह जहांगीर ने नजरबंंद किया हुआ था।
👁🗨 *राहुकाल* :-
दोपहर 12.10 से 01.33 तक ।
🚦 *दिशाशूल* :-
उत्तरदिशा - यदि आवश्यक हो तो तिल का सेवन कर यात्रा प्रारंभ करें ।
☸ शुभ अंक..........................7
🔯 शुभ रंग..........................हरा
⚛ *महालक्ष्मी पुजन मुहूर्त विचार :-*
लक्ष्मी-गणेश पूजा का शुभ मुहूर्त -
प्रात: 08.00 से 09.23 तक ।
प्रात: 10.46 से 12.09 तक ।
दोप. 02.55 से 04.18 तक ।
सायं 04.18 से 05.41 तक ।
रात्रि 07.18 से 08.55 तक ।
*स्थिर लग्न :-*
वृश्चिक - प्रातः 08:10 से 09:45 तक
कुम्भ - दोप. 01:30 से 03:05 तक
वृष - संध्या 06:15 से 08:05 तक
सिंह - रात्रि 12:45 से 02:50 तक
⚜ *चौघडिया :-*
प्रात: 06.37 से 08.00 तक लाभ ।
प्रात: 08.00 से 09.23 तक अमृत ।
प्रात: 10.46 से 12.09 तक शुभ ।
दोप. 02.55 से 04.18 तक चंचल ।
सायं 04.18 से 05.41 तक लाभ ।
रात्रि 07.18 से 08.55 तक शुभ ।
📿 *आज का मंत्र* :-
॥ ॐ ह्रीं श्रीं लक्ष्मीभ्यो नमः ॥
॥ ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं महालक्ष्मयै नम: ॥
🔯 *महालक्ष्मी गायत्री मंत्र :-*
॥ ॐ श्री महालक्ष्म्यै च विद्महे विष्णु पत्न्यै च धीमहि तन्नो लक्ष्मी प्रचोदयात् ॐ ॥
🎙 *सुभाषितम्* :-
यथा हि एकेन चक्रेण
न रथस्य गतिर्भवेत्।
एवं पुरूषकारेण विना
दैवं न सिध्यति॥
अर्थात :-
जिस प्रकार एक पहिये वाले रथ की गति संभव नहीं है, उसी प्रकार पुरुषार्थ के बिना केवल भाग्य से कार्य सिद्ध नहीं होते हैं।
🍃 *आरोग्य सलाह :-*
🎇 *पटाखों से हाथ जलने पर तुरंत उपचार -*
*फर्स्ट एड ट्रीटमेंट -*
दिवाली के दिन पटाखों से कोई अनहोनी न हो इसके लिए जरूरी है कि आप अपना फर्स्ट एड बॉक्स बिल्कुल तैयार रखें जिससे आप तुरंत उपचार की दिशा में कोई प्रभावी कदम उठा सकें।
*कपड़े और एसेसरीज -*
पटाखे से जलने पर बहुत जरूरी है कि उस हिस्से से कपड़े या एसेसरीज को तुरंत हटाएं। किसी भी प्रकार का कपड़ा, अंगूठी, बेल्ट, जूता ऐसी स्थिति में हानिकारक हो सकता है।
*जले को तुरंत ठंडक पहुँचाएं -*
जलने की स्थिति में तुरंत आराम के लिए सबसे पहले जले हुए हिस्से को ठंडक पहुंचाएं। उस हिस्से को नल के नीचे रखें जब तक दर्द का एहसास थोड़ा कम न हो। या फिर आप वहां बर्फ, मक्खन और ठंडे पाने में भिगोए कपड़े से भी सेंक सकते हैं। इससे भी तुरंत आराम मिलेगा।
*कवर करें -*
जला हुआ हिस्सा जब थोड़ा ठंडा हो जाए तो 15-20 मिनट बाद उसपर कोई ऑइनमेंट क्रीम लगाएं और उसे साफ व सूखे कपड़े या बैंडेज से कवर करें।
*आंखों को ऐसे दें राहत -*
अगर आंखों में कोई चिंगारी चली जाए या पटाखे से जल जाए तो तुरंत आंखों को पानी से साफ करें और तुरंत डॉक्टर के पास जाएं। अगर आप कॉन्टैक्ट लेन्स पहनते हैं तो आंखों को पानी से साफ करने के पहले लेन्स हटाना न भूलें।
*जब कपड़ों में आग लग जाए -*
अगर पटाखे जलाते वक्त कपड़ों में आग लग जाए तो तुरंत जमीन पर खुद को रोल करें जिससे तुरंत आग बुझ सके। इसके बाद जैकेट या कंबल से व्यक्ति को पूरी तरह कवर करना चाहिए और डॉक्टर को दिखाएँ।
*घरेलू उपचार -*
छोटे घाव को ठीक करने के लिए उसपर नारियल का तेल, नीम का तेल, एलोवेरा या शहद लगाने से भी तुरंत आराम मिलता है। लेकिन घाव को समय रहते डॉक्टर से दिखाने में कोई बुराई नहीं।
⚜ *आज का राशिफल :-*
🐏 *राशि फलादेश मेष* :-
परिवार के किसी सदस्य के स्वास्थ्य की चिंता रहेगी। दुष्टजन हानि पहुंचा सकते हैं। विरोधी सक्रिय रहेंगे। प्रतिद्वंद्विता बढ़ेगी। पुराना रोग उभर सकता है। वाणी में हल्के शब्दों के प्रयोग से बचें। स्वाभिमान को ठेस पहुंच सकती है। राजकीय बाधा दूर होकर लाभ होगा।
🐂 *राशि फलादेश वृष* :-
संपत्ति के कार्य लाभ देंगे। बेरोजगारी दूर करने के प्रयास सफल रहेंगे। लाभ के अवसर हाथ आएंगे। भाग्य का साथ मिलेगा। स्वास्थ्य पर काम का असर पड़ेगा। लापरवाही न करें। कोई बड़ा काम हो सकता है। प्रसन्नता रहेगी। जोखिम उठाने का साहस कर पाएंगे।
👫 *राशि फलादेश मिथुन* :-
रचनात्मक कार्य पूर्ण सफल रहेंगे। पार्टी व पिकनिक का आनंद प्राप्त होगा। ईष्ट मित्रों के साथ सुखमय समय व्यतीत होगा। व्ययवृद्धि होगी। विवाद को बढ़ावा न दें। आलस्य हावी रहेगा। विवेक का प्रयोग करें। जोखिम वाले कार्य बिलकुल न करें।
🦀 *राशि फलादेश कर्क* :-
बिना वजह बहस हो सकती है। झंझटों से दूर रहें। लाभ के अवसर हाथ से निकलेंगे। दु:खद सूचना मिल सकती है। प्रयास अधिक करना पड़ेंगे। दौड़धूप अधिक होगी। बनते कामों में बाधा आएगी। थकान महसूस होगी। व्यवसाय ठीक चलेगा, धैर्य रखें।
🦁 *राशि फलादेश सिंह* :-
मेहनत का फल मिलेगा। सामाजिक प्रतिष्ठा बढ़ेगी। कार्यसिद्धि होगी। जोखिम उठाने का साहस कर पाएंगे। लेन-देन में सावधानी रखें। व्यवसाय लाभदायक रहेगा। नौकरी में अधिकार बढ़ सकते हैं। उच्चाधिकारी सहयोग करेंगे। काम में अधिक ध्यान दे पाएंगे।
👩🏻 *राशि फलादेश कन्या* :-
भूले-बिसरे साथियों से मुलाकात होगी। शुभ सूचना प्राप्त होगी। कार्य के विस्तार का मन बनेगा। पार्टनरों का मातहतों का सहयोग प्राप्त होगा। विरोधी सक्रिय रहेंगे। आय बनी रहेगी। नौकरी में प्रमाद न करें। विवाद से क्लेश होगा। झंझटों में न पड़ें।
⚖ *राशि फलादेश तुला* :-
यात्रा लाभदायक रहेगी। प्रेम-प्रसंग में अनुकूलता रहेगी। भेंट व उपहार की प्राप्ति होगी। बेरोजगारी दूर करने के प्रयास सफल रहेंगे। कोई बड़ा कार्य होने से प्रसन्नता होगी। भाग्य का साथ मिलेगा। पारिवारिक सहयोग मिलता रहेगा। थकान रहेगी। जोखिम व जमानत के कार्य टालें।
🦂 *राशि फलादेश वृश्चिक* :-
अप्रत्याशित खर्च सामने आएंगे। दूसरों से अपेक्षा न करें। बनते कामों में बाधा उत्पन्न हो सकती है। बेचैनी रहेगी। वाणी पर नियंत्रण आवश्यक है। लेन-देन में सावधानी रखें। कारोबार में जोखिम न लें। दूसरों की बातों में आकर बड़ा नुकसान हो सकता है।
🏹 *राशि फलादेश धनु* :-
डूबी हुई रकम प्राप्त हो सकती है। समय पर कर्ज चुकाने की व्यवस्था बनेगी। व्यावसायिक यात्रा सफल रहेगी। धन प्राप्ति सुगम होगी। भाग्य का साथ मिलेगा। परिवार में तनाव रह सकता है। मतभेद दूर करें। सोच-समझकर निर्णय लें। जोखिम न उठाएं।
🐊 *राशि फलादेश मकर* :-
सरकारी महकमे में सम्मान मिलेगा। सुख के साधनों पर व्यय होगा। आर्थिक नीति बनेगी। कार्यस्थल पर परिवर्तन संभव है। भाग्य का साथ मिलेगा। प्रमाद न करें। व्यवसाय ठीक चलेगा। प्रसन्नता में वृद्धि होगी। प्रभावशाली व्यक्ति सहयोग करेंगे।
🏺 *राशि फलादेश कुंभ* :-
पूजा-पाठ में मन लगेगा। ऐश्वर्य के साधनों पर बड़ा खर्च हो सकता है। राजकीय बाधा दूर होकर लाभ की स्थिति बनेगी। व्यवसाय ठीक चलेगा। जोखिम उठाने का साहस कर पाएंगे। दूसरों की बातों में न आएं। प्रसन्नता रहेगी। मानसिक बेचैनी रहेगी।
🐋 *राशि फलादेश मीन* :-
चोट व दुर्घटना से बड़ी हानि हो सकती है। पुराना रोग उभर सकता है। कुसंगति से बचें। जोखिम उठाने व जल्दबाजी करने से बचें। समय ठीक नहीं है। अत: निर्णय लेने में विवेक का प्रयोग करें। झंझटों से दूर रहें। व्यवसाय ठीक चलेगा। आय बनी रहेगी।
☯ आज का दिन सभी के लिए मंगलमय हो ।
☯ आप सभी मित्रों को *दीपोत्सव* के तृतीय सोपान *दीपावली* के शुभवसर पर अनंतानंत मंगलकामनाये....
सदैव आपका.... *पं. संतोष नागर, उज्जैन*
।। 🐚 *शुभम भवतु* 🐚 ।।
🇮🇳🇮🇳 *भारत माता की जय* 🚩🚩
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