उज्जैन ।।। उज्जैन में शुक्रवार को ब्राह्मण महाकुम्भ का आयोजन हुआ ।जिसमें लाखों की संख्या में विप्रजन की मोजुदगी चर्चा का विषय बनी हुई हैं । महाकुम्भ में एट्रोसिटी एक्ट को सुप्रीम कोर्ट की गाइड लाइन के अनुसार करने ,आरक्षण का आधार आर्थिक करनें ,मठ मन्दिरों में सरकारी हस्तक्षेप समाप्त करने जैसे प्रस्ताव पारित कर सरकार को इस पर अमल करने को कहा गया ।
समारोह में महिलायें भी बड़ी संख्या में उपस्थित रही |
महाकुम्भ में अतुलेशान्न्द सरस्वती (आचार्य शेखर महाराज ) ने केंद्र और राज्य सरकार पर बरसते हुए कहा की सरकार को अध्यादेश लाना था तो '"गौ हत्या करने वालों के लिये लाना था । अध्यादेश लाना ही था तो अयोध्या में श्री राम मन्दिर निर्माण के लिये लाना था ।""
किन्तु सरकार विप्र समाज को बेवकूफ समझ रखा हैं । यदि ब्राह्मण समाज के साथ अन्याय बंद नहीं हुआ तो समाज शास्त्र के साथ शस्त्र उठानें में देर नहीं करता ।
उन्होनें जोर देकर कहा की देश से प्रतिभाएँ लगातार पलायन कर रही हैं इसकी सरकार को चिंता नहीं हैं बल्कि काला कानून थोपकर दलितों को बरगलाने की चिंता हैं ।
कार्यक्रम निर्धारित समय से डेढ़ घंटे विलम्ब से शुरू हुआ और अनेक ब्राह्मण पदाधिकारियों ने सम्बोधित किया इस दौरान भोजन शुरू हो गया अनेक लोगों ने भोजन पांडाल की तरफ़ रुख कर लिया इसी बीच पंडित कमल किशोर नागर जी का अंतिम मुख्य अतिथि उद्बोधन हुआ ।
माइक सम्भालते ही पंडित नागर जी ने मालवी भाषा में चुटकी ली "" आम्बों उतार लियों जदे बुलायो """ हालाँकि अपने डेढ़ घंटे के उद्बोदन के दोरान पंडित नागर को सुनने अन्य समाज के लोग भी काफी संख्या में एकत्रित हो गये ।
सभा को सम्बोधित करते पंडित नागर जी |
पंडित नागर ने कहा की समाज सत्य पर पहले ध्यान दे सत्ता पर बाद में ,पंडितों ने हमेशा राष्ट्र को देनें का भाव रखा हैं लेनें का नहीं जब सुदामा जैसे ब्राह्मण ने द्वारका वालें से कुछ नहीं माँगा तो दिल्ली वालों से क्या माँगना । दो महीनों में दिल्ली वालें आपके घर मांगने आनें वाले हैं और "कहेंगे ध्यान राख जो "
ब्राह्मण को अपना ब्रम्ह तेज विकसित करना चाहियें यदि इसका विकास कर लिया तो सारी दुनिया आपके चरणों में नाक रगडेगी ।
पंडित नागर ने उनकों कार्यक्रम में भाग नहीं लेनें देनें के प्रयासों की भी आलोचना करते हुए कहा की अनेक लोगों ने उन्हें कहा की "" जहाँ हो वहीं रहों "''
समारोह के दौरान युवा वर्ग और तिलक सेना के कार्यकर्ता काफी जोश और गुस्से में दिखे । काफी देर तक जब कार्यकर्ता शिवराज सिंह चोहान और भाजपा के विरुद्ध नारेबाजी करते रहे तो आचार्य शेखर ने इन्हें बमुश्किल सम्भाला ।
समारोह का नाम एक समाज के इतनें लोगों के एक साथ इकट्ठे होनें के लिये " लन्दन बुक ऑफ़ रिकॉर्ड " में भी दर्ज हुआ जिसका प्रमाणपत्र समाज के रामेश्वर दुबे,रवि शुक्ल,रमेशचन्द्र पंडया और सुरेन्द्र चतुर्वेदी को संस्था के पदाधिकारियों ने प्रदान किया ।
कार्यक्रम का संचालन शेलेश व्यास ( स्वामी मुस्कुराके ) ने किया जबकि आभार निशा त्रिपाठी ने माना ।
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