नई दिल्ली ।।। आपको जानकारी होंगी की नीरव मोदी देश के 13600 करोड़ रुपये डकार कर विदेशों में रह रहा हैं ।लेकिन आपको क्या इस बात की जानकारी हैं की नीरव मोदी और मेहुल चोकसी ने हजारों करोड़ रुपये कैसे चुटकियो में बैंकों से उड़ा दिये यदि नहीं तो हम आपको बताते हैं
Swift तकनीक (society for worldwide financial telecommunications)
यह बैंको द्वारा विदेशों में पैसा भेजने की तकनीक हैं जिसके द्वारा विदेशो में करोड़ों रुपये एक क्लिक में भेजे जा सकते हैं । नीरव मोदी ने इस तकनीक में एक लूप होल पकड़ लिया था ।और वो ये की जब भी पैसा विदेश स्थित बैंक की शाखा में भेजा जाता था यह पैसा कोर बैंकिंग प्रणाली में बहुत दिनों बाद प्रदर्शित होता था ।
इस तरह विदेश भेजे गए पैसे बहुत दिनों बाद बैंक की बैलेंस शीट में आ पाते थे । जब तक यह फ्रॉड पकड़ में आता नीरव मोदी हजारों करोड़ रुपये विदेश स्थित अपने बैंक खातों में ट्रांसफर कर चुका था ।
पिछले हफ़्ते रिज़र्व बैंक ऑफ इंडिया ने इस तकनीक को दुरूस्त करने के लिये बैंको द्वारा किये गये प्रयासों के बारे में जानकारी माँगी थीं । जिस पर बैंको ने रिजर्व बैंक को बताया की इस तकनीक में सुधार कर लिया गया है । अब कोई भी वित्तीय लेन देन कोर बैंकिंग में आये बिना पूरा नहीं किया जा सकता हैं ।
रिज़र्व बैंक ने बैंकिंग धोखाधड़ी रोकने के लिये रिजर्व बैंक के निदेशक मंडल के पूर्व सदस्य श्री वाय.एस.मालेघम
इस तरह विदेश भेजे गए पैसे बहुत दिनों बाद बैंक की बैलेंस शीट में आ पाते थे । जब तक यह फ्रॉड पकड़ में आता नीरव मोदी हजारों करोड़ रुपये विदेश स्थित अपने बैंक खातों में ट्रांसफर कर चुका था ।
पिछले हफ़्ते रिज़र्व बैंक ऑफ इंडिया ने इस तकनीक को दुरूस्त करने के लिये बैंको द्वारा किये गये प्रयासों के बारे में जानकारी माँगी थीं । जिस पर बैंको ने रिजर्व बैंक को बताया की इस तकनीक में सुधार कर लिया गया है । अब कोई भी वित्तीय लेन देन कोर बैंकिंग में आये बिना पूरा नहीं किया जा सकता हैं ।
रिज़र्व बैंक ने बैंकिंग धोखाधड़ी रोकने के लिये रिजर्व बैंक के निदेशक मंडल के पूर्व सदस्य श्री वाय.एस.मालेघम
की अध्यक्षता में एक समिति बनाई थी जिसकी रिपोर्ट आना बाकी हैं ।
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