चेन्नई ।।। 7 दशक तक देश और तमिलनाडु की राजनीति में धूमकेतु की तरह चमकने वाले और राजनीति में काले चश्मे, कंधे पर डाले गये पिले गमछे से पहचान रखने वाले मुत्तुवेल करुणानिधि ने कल 7 अगस्त 2018 को कावेरी अस्पताल में लम्बी बीमार के बाद दुनिया और अपने करोड़ो प्रसंशकों को अलविदा कह दिया।
94 वर्षीय करुणानिधि का जन्म 3 जून 1924 को थिरुवकलई के एक अभावग्रस्त परिवार में हुआ था।
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# राजनीतिक जीवन
सामाजिक असमानता से दुखी होकर राजनीति में कदम रखने वाले इस पटकथा लेखक ने 1942 में राजनीति की शुरुआत "" तमिलनाडु तमिल मनावर मंडलम ""' नामक छात्र संगठन की स्थापना के साथ की।
इसके बाद इस शख्स ने राजनीति के नये आयामो को अपने नाम करते हुए सन 1949 में सी. एन.अन्नादुरई के साथ '' द्रविड़ मुनेत्र कड़गम ' नामक पार्टी बनाई।
सन 1957 में करुणानिधि ने पहली बार विधायक बनकर विधानसभा में प्रवेश किया मात्र 10 वर्षों में करुणानिधि और अन्नादुराई ने पार्टी को विधानसभा सभा मे बहुमत दिला दिया और सन 1969 में अन्नादुरई की मृत्यु के बाद करुणानिधि तमिलनाडु के मुख्यमंत्री बन गए।
इसके बाद करुणानिधि सन 1971,सन 1989,सन 1996,और 2006 में मुख्यमंत्री बने।
# करुणानिधि का परिवार
करुणानिधि ने अपने जीवन में तीन शादिया की थी ।करुणानिधि के परिवार में 4 बेटे और 2 बेटियां हैं।जो उनकी तीन पत्नियों से हैं।
उनकी पहली पत्नी का नाम पद्मावती अम्माल था जिनसे उन्हें एक बेटा एम.के.मुत्तु हैं।
पद्मावती की मृत्यु के बाद करुणानिधि की दूसरी शादी दयालु अम्मा से हुई इमसें उन्हें चार बच्चे पुत्र एम.अलागिरी, एम.के.स्टालिन. एम.के. तमिलरसु और पुत्री सेल्वी हुए।
करुणानिधि की तीसरी शादी राजति अम्माल से हुए जिनसे उन्हें एक पुत्री कनिमोझी हुई।
# क्या सीखा गए करुणानिधि
भारत को समानता आधारित वयस्था की ओर बढ़कर अपने लक्ष्यों को प्राप्त करना चाहिए।
पेरियार आंदोलन और आत्मसम्मान आंदोलन के द्वारा उन्होंने सामाजिक समरसता के लिए प्रयास किया।
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